सुनील कुशवाहा की रिपोर्ट
*प्रेस विज्ञप्ति* *गुरु जी के निधन से खुद को असहाय महसूस कर रहा हूं: विजय ठाकुर*झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष झारखंड आंदोलनकारी विजय ठाकुर नेझारखंड आंदोलन के नायक, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय कोयला मंत्री, तथा तत्कालीन राज्यसभा सांसद परम आदरणीय दिसोम गुरु शिबू सोरेन (गुरुजी) के निधन पर गहरा शोक जताया है श्री ठाकुर ने कहा कि निधन का समाचार सुनकर मन बहुत ही व्यथित हैं। झारखंड ही नहीं हमारे देश ने एक महान आदिवासी नेता खोया है। इन्हें शत-शत नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। गुरु जी मेरे राजनीतिक गुरु के साथ-साथ पिता तुल्य अभिभावक तथा मार्गदर्शक भी थे। गुरु जी के नेतृत्व एवं निर्देशन मैंने 23 वर्ष की उम्र से ही झारखंड आंदोलन में तन मन एवं धन निर्योछावर कर सन 1990 से ही गढ़वा जिला में झामुमो का जनाधार बढ़ाने एवं आंदोलन को धार देने का काम किया। इनका हर आदेश सर आंखों पर होता था। इनके हर बंदी तथा अन्य आन्दोलन को सफल बनाने का काम किया। जिला प्रशासन द्वारा नेता तथा कार्यकर्ताओं के साथ प्रताड़ना का शिकायत गुरुजी से करते तो उनके द्वारा डीआईजी एवं एसपी को झामुमो के साथ सौतेला व्यवहार करने से मना करते एवं हम सबों का हौसला बढ़ाते रहते थें। प्रखंड मुख्यालयों में अधिकारियों के द्वारा जनता का काम करने में लापरवाही बरते जाने का शिकायत गुरुजी से किया करते तो उन्होंने हम सभी को एक गुरु मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि प्रखंड तथा अंचल कार्यालयों के इर्द-गिर्द रहा करो और जो आम जनता का काम नहीं हो रहा है वह निराश होकर लौटने लगे तो उसे लेकर अधिकारी के पास जाकर पूछो कि क्यों काम नहीं करेंगे। इससे जनता का काम भी होगा और पार्टी का नाम भी होगा इसी आधार पर हम सभी आंदोलनकारी नेता आम जनता का काम कराया करते थे। इससे ज्यादा पहचान बना और झामुमो का प्रचार प्रसार भी हुआ। गुरु जी के आकस्मिक निधन से राज्य के झारखंड आंदोलनकारी को सबसे बड़ा क्षति एवं दुख हुआ है। अब हम सब किसके अपनी व्यथा कहेंगे? अब हम सब अनाथ हो गए हैं। ईश्वर इन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। भवदीय विजय ठाकुर झारखंड आंदोलनकारी ग्राम – ज़ोबरईयां जिला – गढ़वा, झारखंड।